Monday, February 10, 2020

किस्मत होती हैं या नहीं?

क्या आपको भी यही लगता है कि आपकी जिंदगी में जो भी हो रहा है वो पहले से किस्मत में लिखा है और आप उसे बदल नहीं सकते।
किस्मत होती है या नहीं ये सवाल जरूरी ही नही है बल्कि हमें ये सोचना चाहिए कि क्या हमे इस सवाल की जरूरत भी है या नहीं।
उदाहरण के लिए अगर मेरे सामने खाने की एक प्लेट रखी हुई है तो क्या मैं ये सोचूंगा कि मेरी किस्मत में होगा तो खाना अपने आप मेरे पेट में चला जाएगा। नहीं हम ऐसा नहीं सोचते हैं। अगर भूख लगी है तो प्लेट उठाते हैं और खाना खा लेते हैं।
फिर जिंदगी की बड़ी situations मे हमे क्या हो जाता है वहां हम किस्मत के बारे में सोचने लगते हैं। उदाहरस्वरूप मुझे एक एग्जाम पास करना है ताकि जॉब मिल सके। यहां हम एग्जाम की तैयारी की बजाय किस्मत के बारे में सोचने लगते हैं कि किस्मत में होगा तो जॉब मिल जाएगी। हम ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि एग्जाम की तैयारी में मेहनत लगती है जबकि प्लेट उठाने और खाने में नहीं लगती। इसलिए लाइफ में जहां भी मेहनत करनी होती हैं वहां हम किस्मत का बहाना देकर मेहनत से बचते हैं।
किस्मत काम न करने का सिर्फ एक बहाना है।

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